फ़ॉरेक्स बाजार की ट्रेडिंग शब्दावली

फ़ॉरेक्स बाजार में ट्रेडिंग करते समय आपको कई सारे अस्पष्ट शब्द सुनने को मिलेंगे| इस लेख की सहायता से आप फ़ॉरेक्स ट्रेडिंग की शब्दावली को आसानी से समझ पाएंगें|

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ओपेन पोजीशन (Open Position)

जब कोई ट्रेडर ट्रेड शुरू करने के लिए खरीद या बिक्री का आर्डर लगाता है और यदि यह सक्रिय है तो इसका अर्थ है कि ट्रेडर आर्डर को समाप्त नहीं कर रहा है|

क्लोज पोजीशन (Closed Position)

इसका अर्थ है कि ट्रेडर ने अपना ट्रांजैक्शन बेच दिया है और लाभ या हानि उठा ली है|

लिवरेज (Leverage)

ट्रेडर के खाते में उपलब्ध फण्ड के आधार पर ब्रोकर उसे पैसे उधार देता है, और तब एसेट का लिवरेज लिया जाता है| इसे मल्टीप्लायर भी कहा जाता है|

मार्जिन (Margin)

ट्रेडर के खाते में जमा धन| इसके आधार पर ब्रोकर तय करता है कि वह ट्रेडर को ट्रेड करते समय कितना लिवरेज दे सकता है|

स्प्रेड (Spread)

किसी एसेट को खरीदने के लिए ऑफर की गई वर्तमान कीमत और ऑफर के वर्तमान बिक्री मूल्य के बीच का अंतर| दोनों कीमत का अंतर जितना कम होगा ट्रेड उतनी जल्दी लगाए जा सकेंगे|

पिप (Pips)

पिप मूलरूप से, बाजार में खरीदने और बेचने के लिए लगाई जाने वाली बोलियों में माप की सबसे छोटी इकाई है|

फ़ॉरेक्स के, EUR/USD जैसे महत्वपूर्ण बाजारों में पिप, वर्तमान कीमत का .0001वां हिस्सा होता है| इन बाजारों में, किसी एसेट के मूल्य में कम से कम .0001 का परिवर्तन होने का अर्थ है, एक पिप का अंतर आना| अन्य बाजारों में, पिप के कई आकार हो सकते हैं|

मुद्रा जोड़ी (Currency Pair)

फ़ॉरेक्स बाजारों में कोई दो राष्ट्रीय मुद्राओं का एक दूसरे से ट्रेड किया जाता है| सबसे लोकप्रिय जोड़ियों में अमेरिकी डॉलर, यूरो, और जापानी येन शामिल हैं| हालाँकि बाजार दुनिया की लगभग सभी मुद्राओं के लिए उपलब्ध हैं|

मुद्रा जोड़ियाँ और उनके संक्षिप्त नाम के उदाहरण:

JPY – जापानी येन
USD – अमेरिकी डॉलर
EUR – यूरोपीय यूरो
AUD – ऑस्ट्रलियाई डॉलर
NZD – न्यूजीलैंड डॉलर
GBP – ग्रेट ब्रिटेन पाउंड
CFD –अंतर के लिए अनुबंध| CFD ट्रेडरों द्वारा लगाई गई पोजीशन हैं जो कीमत बढ़ने या घटने के उनके अनुमान पर आधारित होती हैं| यदि कीमत बढ़ने के अंदाजे पर पोजीशन खोली जाती है तो, उन्हें खुलने और बंद होने की कीमतों के बीच अंतर से लाभ प्राप्त होगा| CFD की लाभप्रदता ब्रोकर, पोजीशन की समयसीमा, लिवरेज और अन्य घटकों पर भी निर्भर करती है|

लॉन्ग पोजीशन (Long Position)

इस विश्वास के साथ ट्रेड लगाना कि आने वाले समय में एसेट की कीमत बढ़ेगी|

शॉर्ट पोजीशन (Short Position)

किसी एसेट की कीमत गिरने की आशा से ट्रेड लगाने में, ट्रेडर एसेट को कम कीमत में खरीद सकता है और कीमत के अंतर को पाट सकता है| ट्रेडर के पास पहले से उपलब्ध या उधार लिए गए एसेट को बेचकर और भविष्य में एसेट को खरीदने (कीमत के अंतर को कवर करते हुए) के लिए सहमत होकर, ऐसा किया किया जा सकता है| ऐसा करना महत्वपूर्ण है क्योंकि ऋणदाता को एसेट लौटाने भी पड़ते हैं|

राष्ट्रीय ब्याज दर (National Interest Rate)

राष्ट्रीय मुद्रा की ब्याज दर देश के सेंट्रल बैंक द्वारा तय की जाती है| इस दर पर बैंक एक दूसरे से पैसे उधार लेते हैं, लेकिन इसका उपयोग तब किया जाता है जब कोई ब्रोकर फ़ॉरेक्स बाजार में ओपेन पोजीशन को “रोल ओवर” करता है।

फ़ॉरेक्स बाजार लेख में ट्रेडिंग शब्दावली पढ़ने के लिए धन्यवाद|

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